फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़ (खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि आधारित उद्योग परियोजनाएं)
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फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़ (खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि आधारित उद्योग परियोजनाएं)
आने वाले चार साल में देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 18 अरब डॉलर का निवेश आ सकता है। इसकी अहम वजह इस क्षेत्र की ग्रोथ आठ प्रतिशत से अधिक रहना है, जो बेहतर कारोबारी संभावनाएं उपलब्ध कराती है। किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही यह बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन कर सकता है खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का तात्पर्य ऐसी गतिविधियों से है जिसमें प्राथमिक कृषि उत्पादों काप्रसंस्करण कर उनका मूल्यवर्धन किया जाता है। उदाहरण के लिए डेयरी उत्पाद, दूध, फल तथा सब्जियों का प्रसंस्करण, पैकेट बंद भोजन तथा पेय पदार्थ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अंतर्गत आते हैं।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (एफपीआई) उत्पादन, खपत, निर्यात और विकास संभावनाओं के मामले में सबसे बड़ा है। बड़े कृषि क्षेत्र, प्रचुर मात्रा में पशुधन और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण खाद्य क्षेत्र उच्च वृद्धि और उच्च लाभ वाले क्षेत्र के रूप में उभरा है। भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और फल और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक सूर्योदय क्षेत्र है जिसने हाल के वर्षों में प्रमुखता प्राप्त की है। इंस्टेंट फ़ूड, पैक किए गए भोजन, खाने-पीने के भोजन की मांग में काफी वृद्धि हुई है। खाद्य प्रसंस्करण कई खाद्य पदार्थों की मौसमी उपलब्धता में वृद्धि करता है।
वर्तमान में, खाद्य प्रसंस्करण भारत में कुल खाद्य बाजार का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मूल्य 258 अरब अमेरिकी डॉलर है, और यह देश में उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित वृद्धि के मामले में घरेलू रूप से पांचवां सबसे बड़ा उद्योग है। भारत दालें, आम, केले, दूध, अदरक, चावल, गेहूं, आलू, लहसुन, काजू, मूंगफली, शुष्क प्याज, हरी मटर और गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
फूड प्रोसेसिंग खाद्य सामग्री और पेय पदार्थों को कई रूपों में सहेजने की एक बेहतर प्रक्रिया है। इस क्षेत्र में स्वरोजगार अच्छे करियर के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग देश के कुल खाद्य बाजार का 32 प्रतिशत है, जो भारत के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है और उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित विकास के मामले में पांचवां स्थान है। यह सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद), भारत के निर्यात का 13 प्रतिशत और कुल औद्योगिक निवेश का छह प्रतिशत विनिर्माण का लगभग 14 प्रतिशत योगदान देता है।
भारत में कृषि और खाद्य उद्योग
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 58 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार आजीविका के अपने मुख्य साधन के रूप में कृषि पर निर्भर करते हैं। भारत मसालों और मसाले उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत का फल उत्पादन सब्जियों की तुलना में तेज़ी से बढ़ गया है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल उत्पादक बन गया है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (एफपीआई) उत्पादन, खपत, निर्यात और विकास संभावनाओं के मामले में सबसे बड़ा है। बड़े कृषि क्षेत्र, प्रचुर मात्रा में पशुधन और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण खाद्य क्षेत्र उच्च वृद्धि और उच्च लाभ वाले क्षेत्र के रूप में उभरा है।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़ (खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि आधारित उद्योग परियोजनाएं)
About the Book
Author: Ajay Kr. Gupta
Format: Paperback
ISBN: 9789381039946
Code: NI318
Pages: 472
Price: Rs. 1,575.00 US$ 150.00
Published: 2019
Publisher: NIIR PROJECT CONSULTANCY SERVICES
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मतलब खाने की वस्तुओं की प्रोसेसिंग कर उसे नए रूप में पेश करने के कारोबार से है। भारत में लोगों की तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल ने खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों की मांग में लगातार बढ़ोतरी की है । ऐसे में कारोबारी इस क्षेत्र में कम निवेश और बेहतर कारोबारी सहायता के जरिए एक नया मुकाम बना सकते हैं, जिसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय कई सारी योजनाएं चला रहा है। इसके तहत नई इकाई लगाने, मौजूदा इकाई का आधुनिकीकरण करने, तकनीकी सहायता आदि के लिए सहायता मिल रही है। भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में प्रसंस्कृत खाद्य के उत्पादन और निर्यात की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। खाद्य बाजार लगभग 10.1 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का हिस्सा 53% अर्थात 5.3 लाख करोड़ रुपये का है।
नौकरी के लिए सुबह-शाम की भागमभाग, ट्रैफिक और तमाम तरह की अन्य आपाधापी से भरी दिनचर्या के बीच किसे फुर्सत है कि खाना तसल्ली से रोजाना बनाया और खाया जाये। इसका समाधान इंस्टेंट एवं प्रोसेस्ड अथवा रेडी टू ईट पैक्ड फ़ूड के रूप में देश-विदेश में देखा जा सकता है। पहले खानपान की ऐसी आदतें सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित थीं पर आज भारत जैसे विकासशील देशों में भी बड़े पैमाने पर यह प्रचलन आम होता जा रहा है।
इसी बदलाव का नतीजा है कि वैश्विक स्तर पर प्रोसेस्ड फ़ूड इंडस्ट्री का कारोबार निरंतर गति से बढ़ रहा है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण कम्पनियों के लिए प्रचुर संभावनाएँ हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण भारत के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होना है, जिसके फलस्वरूप वे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों पर खर्च करने की स्थिति में हैं।
भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उत्पादन, खपत, निर्यात और विकास संभावना की दृष्टि से विश्व में सबसे बड़ा उद्योग है। उपभोक्ता की बढ़ती सम्पन्नता ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विविधिकरण के लिए नए अवसर खोल दिए हैं और विकास के नए मार्ग खोल दिए हैं। प्रसंस्कृत और सुविधाजनक खाद्य की मांग शहरीकरण, जीवन शैली में बदलाव और लोगों की भोजन की आदत में परिवर्ततन के कारण स्थायी रूप से बढ़ रही है। तदनुसार भारतीय उपभोक्ता को नए उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद परोसे जा रहे हैं जिसका निर्माण अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया गया है।
इस पुस्तक में विभिन्न उद्योगों की जानकारी तथा Cost Estimation (Capacity, Working Capital, Rate of Return, Break Even Point, Cost of Project) को शामिल किया गया है, जैसे: बेकरी उद्योग, रेडी-टू- ईट फूड, बेवरेजेज, खाद्यान्नों की पिसाई यूनिट, खाद्य तेल से संबंधित उद्योग, फल और सब्जी की पैकेजिंग उद्योग, डेयरी, बीयर एवं एल्कोहोलिक पेय पदार्थ, दुग्ध एवं दुग्ध-निर्मित उत्पाद, अनाज प्रसंस्करण, उपभोक्ता खाद्य वस्तुएँ ; अर्थात् कन्फेक्शनरी, चॉकलेट और कोको उत्पाद, सोया-निर्मित उत्पाद, पानी बोतल प्लांट, उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ, सॉफ्ट ड्रिंक, खाने और पकाने के लिए तैयार उत्पाद, नमकीन, स्नैक्स, चिप्स, बिस्कुट, नूडल्स और इंस्टेंट नूडल्स, एडिबल नट्स प्रसंस्करण और पैकेजिंग, ज़र्दा, पान मसाला उद्योग, डायबिटिक फूड और मसाला उद्योग आदि । Sample Plant Layout and Photographs of Plant and Machinery with Suppliers Contact Details भी दिए गए है ।
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