आलू चिप्स उद्योग. Potato Chips Manufacturing Business. कम लागत में शुरू करें आलू चिप्स का बिज़नेस
भारत आलू के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। इसका इस्तेमाल न केवल एक दैनिक भोजन के रूप में विभिन्न सब्जियाँ तैयार करने में होता है बल्कि आलू आज तेजी से चिप्स या वेफर्स के रूप में स्नैक फूड की तरह भी उपयोग होता है। आलू के चिप्स और वेफर्स अत्यंत लोकप्रिय खाद्य पदार्थ हैं।
आलू के चिप्स और वेफर्स के मुख्य उपभोक्ता विशेष रूप से ग्रामीण तथा अर्धशहरी परिवार हैं। ब्रैंडेड चिप्स और नमकीन भारत में ग्रामीण और शहरी बच्चों के लिए दैनिक आहार का हिस्सा बन गए हैं।
आलू के चिप्स नाश्ते के उपयोग में लाया जाने वाला एक आम खाद्य पदार्थ है। प्रत्येक घर, होटल, रेस्तरां, कैंटीन तथा अन्य क्षेत्रों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। वर्तमान में अनेक बड़े और छोटे उद्योग आलू के चिप्स के निर्माण में कार्यरत हैं। निःसंदेह कृषि आधारित उद्योग में आलू चिप्स उद्योग अग्रणी बन चुका है ।
माकेर्ट सर्वेक्षण
वैश्विक आलू चिप्स बाजार का आकार 2018 में 29 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था । 2024 में 35 $ यूएस बिलियन के मूल्य तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2019-2024 के दौरान 3.3% की सीएजीआर से बढ़ रहा है। आलू के चिप्स दुनिया भर में खाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय स्नैक फूड में से एक हैं।
देश के विभिन्न भागों में समान रूप से उपयोग किए जाने तथा होटलों, भोजनालयों, पार्टियों आदि में सामान्य रूप से प्रयुक्त होने के कारण आलू चिप्स की मांग संपूर्ण भारतवर्ष में निरंतर बढ़ती जा रही है।
बदलती जीवनशैली और लंबे समय तक काम करने के घंटों ने उपभोक्ताओं की भोजन की प्रवृत्ति को कम कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण कारक है जो वैश्विक आलू के चिप्स बाजार को चला रहा है।
आलू चिप्स उद्योग दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है और आलू चिप्स उद्योग में कम लागत लगती है और लाभ ज्यादा होता है इस उद्योग से कई लोगों को रोजगार भी मिलता है और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट भी कई तरीके की सुविधाएं प्रदान कर रही है जैसे सब्सिडी लोन प्रदान करना । इस उद्योग में लागत 2 से 4 लाख रूपय तक की होती है इस उद्योग में आलू कच्चा रॉ मटेरियल किसानों से आसानी से प्राप्त हो जाता है और मंडी से भी खरीदा जा सकता है इस उद्योग में एक बार लागत लगाई जाती है जो कि लंबे समय तक लाभ प्रदान करती है आलू के चिप्स में सभी खर्चा काटने के बाद 1 किलो पर 5 से 10 रूपए तक की बचत होती है जो कि 3 महीने में 3 से 4 लाख रुपए आसानी से कमाए जा सकते हैं ।
हमारे देश में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली सब्जियों में से आलू एक है । देश के किसी भी प्रान्त में चले जाएं, हमे आलू से बने व्यंजन जरूर ही मिल जायेंगे । यही स्थिति चिप्स के बारे में भी है । हमारे देश मे आलू के चिप्स बहुत लोकप्रिय चिप्स है । चिप्स तो और कई फलो के भी बनते है, लेकिन उनकी प्रसिद्धि आलू चिप्स के स्तर की नही है । तथा चिप्स की दिन-प्रतिदिन बढ़ती मांग को पूरा करके पर्याप्त लाभ कमाया जा सकता है।
The growth in India’s potato chips market has been driven by rising household incomes. India’s potato chips/crisps market was worth US$2.59bn in 2017, growing at an annual rate of 18.7%, and is expected to further expand to a value of $5.5bn in 2022.
India’s appetite for potato chips is growing rapidly – with some major players building a nationwide presence to cater to rising demand. The Indian consumer’s love of a potato chip is showing little sign of going stale. The growth in India’s potato chips market has been driven by rising household incomes. Unlike chocolate or sugar confectionery, where children are the main consumers, the growth in potato chips sales in India is uniform across age segments. Overall, potato chips enjoy a huge advantage over other snacks in the Indian market.
The Indian chips market has shown remarkable growth in the past couple of years. The market is forecast to grow with a CAGR of more than 9% in the near future. Currently, the growing young population (below 15 years) represents a key segment for the potato chips market. Major factors driving the global demand of potato chips are growing urbanization, the rise in disposable incomes and rapidly changing lifestyles.
Potato Chips
Demand : Past and Future | |
Year | (In ‘000 Metric Tonne) |
1990-91 | 255 |
2000-01 | 470 |
2001-02 | 505 |
2002-03 | 535 |
2003-04 | 570 |
2004-05 | 605 |
2005-06 | 641 |
2006-07 | 683 |
2007-08 | 731 |
2008-09 | 786 |
2009-10 | 848 |
2010-11 | 912 |
2011-12 | 976 |
2012-13 | 1090 |
2013-14 | 1197 |
2014-15 | 1272 |
2015-16 | 1369 |
2016-17 | 1470 |
2017-18 | 1579 |
2018-19 | 1699 |
2019-20 | 1826 |
2024-25 | 2442 |
Existing players include PepsiCo, Balaji Wafers, Prataap Snacks, Haldiram, are some leading players in Chips Category.
निर्माण प्रक्रिया
सर्वप्रथम आलू को छीला जाता है। इसके लिए आलू को पीलिंग मशीन में डाला जाता है। छिले हुए आलू को मशीन से निकालकर पानी भरे पात्रा में डाला जाता है। अन्यथा हवा के सम्पर्क में रहकर ये काले पड़ जाते हैं। फिर उनमें से सड़े गले, पिलपिले और अधिक हरे आलू अलग निकाल दिए जाते हैं।
ऐसा न करने पर चंद सड़े हुए आलू पूरी लॉट को खराब कर देते हैं। फिर आलू को चिप्स के आकार में काटने के लिए स्लाइसिंग मशीन में डाला जाता है। उसके बाद इन कच्चे चिप्स को हाइड्रोएक्सट्रैक्टर मशीन में डाला जाता है। जिससे उनकी आर्द्रता कम की जा सके। इसके उपरांत इन्हें एक अल्यूमीनियम के बर्तन में डालकर फ्राई किया जाता है। और उनमें नमक एवं अन्य मसाले मिलाये जाते हैं।
सम्पूर्ण प्रक्रिया का चार्ट
कच्चे आलू
आलुओं को साफ करना
पीलिंग
स्लाईसिंग
डीहाईड्रेशन
चिप्स फ्राई करना
आय-व्यय योजना (Cost Estimation) वार्षिक: आलू चिप्स
उत्पादन क्षमता: 600 Kg/day
कुल भूमि (Total Land): 600 Sq. Mt.
निर्मित भूमि (Build up Area): 360 Sq. Mt.
कुल कर्मचारियों की संख्या (Total No. Employees): 20
मशीन और उपकरण (Machinery & Equipment): 13.75 lakh
कुल अचल पूंजी लागत (Total Fixed Capital): 26.70 lakh
कार्यशील पूंजी मार्जिन (Working Capital Margin): 3.90 lakh
परियोजना लागत (Project Cost): 30.60 lakh
कुल प्राप्ति (Total Income): 225 lakhs
लाभ और कुल-पूंजी निवेश का अनुपात ((Profit & Total Capital Investment Ratio): 24.86%
ब्रेक इवन पॉइंट (Break Even Point): 73.17%
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