Google Search

h

Search

Already a Member ?

Blog

बेहतरीन लघु उद्योग लगाएं, थोड़े निवेश में ज्यादा आमदनी, लघु उद्योग, कम निवेश में लाखों की कमाई दे

Saturday, September 16, 2017

facebook twitter Bookmark and Share

लघु उद्योग एक औद्योगिक उपक्रम है जिसमें संयंत्र एवं मशीनरी की निवेश सीमा 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होती। तथापि यह निवेश सीमा सरकार द्वारा समय-समय पर परिवर्तित की जाती है। उद्योग में काम करने वाले व्यक्तियों की संख्या और प्रयुक्त इलैक्ट्रिक पावर आदि का कोई बन्धन नहीं है।

लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग का भारतीय अर्थव्यवस्था में अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। प्राचीन काल से ही भारत के लघु व कुटीर उद्योगों में उत्तम गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन होता रहा है।

केन्द्र तथा राज्य सरकारों की ओर से लघु-उद्योग विकास हेतु विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं, जिनसे नया उद्योग शुरू करने वालों को सरकारी औपचारिकताएँ पूरी करने में मदद मिलती है।

किसी भी उद्योग के सपफलतापूर्वक संचालन के लिए आवश्यक होता है। योग्यता, कुशल कर्मचारी, पर्याप्त साधन तथा संगठन जिसके अंतर्गत व्यवसाय की गतिविधियां संचालित की जाती है।

स्वामित्व के आधार पर व्यवसाय को निम्न वर्गों में बांटा गया हैः

          1        एकल स्वामित्व

          2        भागीदारी

          3        सीमित दायित्व वाली कम्पनी

          4        सहकारी संस्थाएं

          5        विशेष विक्रय अधिकार

 

लघु उद्योग इकाइयां इस पंजीकरण के माध्यम से जिन लाभों के लिए अधिकृत हो जाती हैं, वे निम्नलिखित हैं:

          1.       इकाइयों को सुरक्षा धन देने से छुटकारा मिल जाता है।

          2.       इन उद्योगों को बड़े उद्योगों की तुलना में 15 प्रतिशत मूल्य प्रमुखता मिल जाती है। इसके कारण सरकारी खरीद में लघु उद्योगों से माल खरीदने को प्रमुखता मिलती है।

          3.       राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लघु इकाइयों को निःशुल्क टेंडर नोटिस भेज सकता है।

          4.       निगम की सिफारिश पर कोई भी बैंक आसानी से ऋण स्वीकृत कर लेता है।

 

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार की एक शाखा है जो भारत में नियमों, विनियमों और सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यमों से संबंधित कानूनों के निर्माण और प्रशासन के लिए शीर्ष निकाय है। यह भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की नीति बनाने संवर्धन, विकास तथा संरक्षण के लिये एक नोडल मंत्रालय है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 40 प्रतिशत योगदान करते हैं। ये कृषि के बाद रोजगार का सबसे बड़ा हिस्सा प्रदान करते हैं।

मंत्रालय अन्य मंत्रालयों विभागों के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्रकी ओर से नीति समर्थन के कार्यों का निष्पादन भी करता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय नवीनीकरण और उद्यम को प्रोत्साहित और सम्मानित करता है। देश के विकास में सहायता करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय कई क्षेत्रीय कार्यालयों और तकनीकी संस्थानों के माध्यम से राज्य सरकारों, उद्योग संघों, बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करते हैं।

अपने उद्योग को लगाने का स्थान बहुत ही सोच-समझकर तय करना चाहिए। उद्योग लगाने के स्थान के पास में ही कच्चे-पक्के माल को लाने ले जाने की सुविधा होनी चाहिए।

लघु उद्योग को मूल क्षेत्रा के रूप में माना जाता है। अतः लघु उद्योग स्थापित करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है। केवल सरकारी संस्थाओं से मिलने वाली सुविधाएँ पाने के लिए सबसे पहले उद्योग का पंजीकरण, ;रजिस्ट्रेशन  कराना जरूरी होता है। बहुत सी ऐसी सरकारी संस्थाएं हैं जिनकी स्थापना एवं कार्य तथा उद्देश्य केवल लघु उद्योग के विकास के लिए उद्यमियों को जानकारी देना, सुविधाएँ प्रदान करना आदि हैं। नये उद्यमियों को किस कार्य के लिए कहाँ किस विभाग में सम्पर्क करना पड़ेगा, कौन-कौन से ऐसे संगठन हैं, जो कई प्रकार की सूचनाएँ, सुविधाएँ और टैक्नीकल जानकारी देने के लिए कार्यरत हैं।

 

लघु उद्योग विकास संगठन

इस संगठन को लघु उद्योगों के विकास के लिए सन् 1954 में स्थापित किया गया था। विकास संगठन का प्रमुख विकास आयुक्त होता है। लघु उद्योग की विकास संबंधी नीतियां तैयार करने में यह संगठन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा संगठन विभिन्न प्रदेशों के औद्योगिक विकास एवं उनसे संबंधित संस्थाओं के बीच तालमेल बैठाने का काम करता है। इस संगठन के अंतर्गत 60 से अधिक कार्यालय तथा 21 स्वायत्त निकाय सम्मिलित है। इस स्वायत्त निकाय में प्रशिक्षण संस्थान और परियोजना एवं प्रक्रिया विकास केन्द्र शामिल हैं।

लघु उद्योग विकास संगठन द्वारा लघु उद्योगों को प्रदान की गई विभिन्न सेवाएं:

          1.       परियोजना और उत्पाद प्रोफाइल तैयार करना

          2.       निर्यात के लिए सहायता प्रदान करना

          3.       तकनीकी और प्रबंधकीय परामर्श प्रदान करना

          4.       क्षेत्रीय कार्यालय केंद्र और राज्य सरकारों के बीच प्रभावी लिंक के रूप में भी कार्य करते हैं।

          5.       लघु उद्योगों के रूप में लगाए जा सकने योग्य उद्योगों के संबंध में जानकारी प्रदान करना

          6.       औद्योगिक विकास तथा आधुनिकीकरण की सहायता देना

          7.       तकनीकी जानकारी देने के साथ-साथ आर्थिक सुविधाएं जुटाना

          8.       प्रबंधन एवं तकनीकी संबंधी प्रशिक्षण उपलब्ध कराना

          9.       लघु उद्योगों में निर्मित होने वाले उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया, परामर्श एवं रिपोर्ट तैयार करने के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाना

          10.     कारखाना स्थापित करने हेतु भूमि एवं भवन के लिए सहयोग करना

          11.     सरकारी विपणन में लघु उद्योगों द्वारा भाग लेने के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना

          12.     उद्योग से संबंधित मशीनों की खरीददारी तथा अन्य सुविधाएं प्राप्त करने के लिए सलाह देना।

See more

http://goo.gl/2KrF8G

http://goo.gl/3857gN

http://goo.gl/gUfXbM  

http://goo.gl/Jf0264

 

Contact us:

Niir Project Consultancy Services

106-E, Kamla Nagar, Near Spark Mall,

New Delhi-110007, India.

Email: [email protected], [email protected]

Tel: +91-11-23843955, 23845654, 23845886, 8800733955

Mobile: +91-9811043595

Website :

http://www.niir.org

http://www.entrepreneurindia.co

 

Tags

लघु उद्योग, कम लागत के उद्योग, कम लागत, कम मेहनत और मुनाफा कई गुना, कम लागत में शुरू होने वाला उद्योग, अपना उद्योग, ऐसे कीजिए कम लागत में लाभकारी व्यवसाय, कम लागत मुनाफा कई गुना, उद्योग जो कम निवेश में लाखों की कमाई दे सकता है, 2017 में शुरू करें कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला बिज़नेस, भारत के लघु उद्योग, लघु उद्योग की जानकारी, लघु व कुटीर उद्योग, लघु उद्योग जो कम निवेश में लाखों की कमाई दे, महिलाओं के लिए लगाएंगे लघु उद्योग, छोटे एवं लघु उद्योग, नया व्यवसाय शुरू करें और रोजगार पायें लघु उद्योग, लघु उद्योग खोलने के फायदे, स्वरोजगार, लघु, कुटीर उद्योग, कैसे लगाएं लघु उद्योग, कैसे लगाएं छोटे-छोटे उद्योग, लघु एवं गृह उद्योग, स्वरोजगार बेहतर भविष्य का नया विकल्प, अमीर बनने के तरीके, अवसर को तलाशें, आखिर गृह और कुटीर उद्योग कैसे विकसित हो, क्या आप अपना कोई नया व्यवसाय, व्यापारकारोबार, कम पैसों में खड़ा करें बड़ा बिजनेस, कम लागत में बेहतर मुनाफा, कुटीर उद्योग के नाम, नगरीय कुटीर उद्योग, कुटीर उद्योग लिस्ट, ग्रामीण कुटीर उद्योग, कुटीर उद्योग का महत्व, कुटीर उद्योग की सूची, कुटीर उद्योग के नाम, कुटीर उद्योग के प्रकार, स्वरोजगार के कुछ सरल उपाय, लघुउद्योग, लघु उद्योगों के उद्देश्य, भारतीय लघु उद्योग, लघु उद्योग शुरू करने सम्बन्धी मार्गदर्शन, कम निवेश मे करे बिजनेस खुद का मालिक बने, , आधुनिक कुटीर एवं गृह उद्योग, आप नया करोबार आरंभ करने पर विचार कर रहे हैं, उद्योग से सम्बंधित जरुरी जानकारी, औद्योगिक नीति, कम पूंजी के व्यापार, कम पैसे के शुरू करें नए जमाने के ये हिट कारोबार, कम लागत के उद्योग, कम लागत वाले व्यवसाय, कम लागत वाले व्यवसाय व्यापार, कारोबार बढाने के उपाय, कारोबार योजना चुनें, किस वस्तु का व्यापार करें किससे होगा लाभ, कुटीर उद्योग, कुटीर और लघु उद्यमों योजनाएं, कैसे उद्योग लगाये जाये, कौन सा व्यापार करे, कौन सा व्यापार रहेगा आपके लिए फायदेमंद, स्वरोजगार हेतु रियायती ऋण, स्वरोजगार योजनाओं, स्वरोजगार के लिए कौशल विकास, कम लागत में अधिक फायदेवाला बिजनेस

Tags: 2017 में शुरू करें कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला बिज़नेस अपना उद्योग उद्योग जो कम निवेश में लाखों की कमाई दे सकता है ऐसे कीजिए कम लागत में लाभकारी व्यवसाय कम मेहनत और मुनाफा कई गुना कम लागत के उद्योग कम लागत मुनाफा कई गुना कम लागत में शुरू होने वाला उद्योग कैसे लगाएं छोटे-छोटे उद्योग कैसे लगाएं लघु उद्योग छोटे एवं लघु उद्योग नया व्यवसाय शुरू करें और रोजगार पायें लघु उद्योग भारत के लघु उद्योग महिलाओं के लिए लगाएंगे लघु उद्योग लघु उद्योग लघु उद्योग की जानकारी लघु उद्योग खोलने के फायदे लघु उद्योग जो कम निवेश में लाखों की कमाई दे लघु एवं गृह उद्योग लघु व कुटीर उद्योग स्वरोजगार

blog comments powered by Disqus



About NIIR

Hide ^

NIIR PROJECT CONSULTANCY SERVICES (NPCS) is a reliable name in the industrial world for offering integrated technical consultancy services. NPCS is manned by engineers, planners, specialists, financial experts, economic analysts and design specialists with extensive experience in the related industries.

Our various services are: Detailed Project Report, Business Plan for Manufacturing Plant, Start-up Ideas, Business Ideas for Entrepreneurs, Start up Business Opportunities, entrepreneurship projects, Successful Business Plan, Industry Trends, Market Research, Manufacturing Process, Machinery, Raw Materials, project report, Cost and Revenue, Pre-feasibility study for Profitable Manufacturing Business, Project Identification, Project Feasibility and Market Study, Identification of Profitable Industrial Project Opportunities, Business Opportunities, Investment Opportunities for Most Profitable Business in India, Manufacturing Business Ideas, Preparation of Project Profile, Pre-Investment and Pre-Feasibility Study, Market Research Study, Preparation of Techno-Economic Feasibility Report, Identification and Selection of Plant, Process, Equipment, General Guidance, Startup Help, Technical and Commercial Counseling for setting up new industrial project and Most Profitable Small Scale Business.

NPCS also publishes varies process technology, technical, reference, self employment and startup books, directory, business and industry database, bankable detailed project report, market research report on various industries, small scale industry and profit making business. Besides being used by manufacturers, industrialists and entrepreneurs, our publications are also used by professionals including project engineers, information services bureau, consultants and project consultancy firms as one of the input in their research.

^ Top